आनंद सिंह। कवरेज इंडिया जंघई।
Janghai प्रयागराज/जौनपुर। जंघई स्टेशन पर जीआरपी पुलिस की लापरवाही उस समय उजागिर हुई जब एक वृद्ध व्यक्ति की लाश की सुचना देने के लिए जीआरपी के सरकारी नंबर पर कुछ लोगों ने सम्पर्क करना चाहा तो पता चला वह दो महिने से बंद चल रहा है। वजह जानने पर पता चला की दो महिने से जंघई जीआरपी इंचार्ज का पद रिक्त हैं।
गरियाव फाटक के समीप सोमवार को दो बजे के करिब कुछ गाय चराने वालो ने एक वृद्ध व्यक्ती का रेलवे पटरी पर कटे हुए हाल में शव देखा जिसे कुत्ते कौवे नोच रहे थे तो उन्होंने शोर मचाया जिससे गांव के लोग जुटे तो उस वृद्ध की पहचान मुड़ाव गांव निवासी मंगरू गुप्ता (90) के रुप में हुई। इस दौरान मृतक के परिजन भी मौके पर पहुंच गए जो तीन दिन से लापता वृद्ध की तलाश में थे और उन्हो ने थाना पवारा में बुजुर्ग की लापता होने की तहरिर भी दिया था।
इस दौरान कुछ लोगो ने जीआरपी जंघई को सूचना देना चाहा तो फोन बंद आ रहा था। परिजनों ने बिना देर किए वृद्ध का शव जिसका हाथ और पैर कट गया था। शव को समेट कर घर उठा ले गए। और अंतिम संस्कार कर दिया। वहीं दुसरी तरफ जंघई स्टेशन पर जब पत्रकार जीआरपी इंचार्ज से मामले की जानकारी लेने पहुचे तो पता चला दो महीने से इंचार्ज को है ही नहीं!! ना तो COG नंबर चालु है। इस संदर्भ में CO जीआरपी से सम्पर्क करने पर पता चला की दो दिन में वहां इंचार्ज की नियुक्ती कर दिया जाएगा। और कटे वृद्ध के मामले को जीआरपी भदोही के इंचार्ज को देखने के लिए दे दिया गया। भदोही के इंचार्ज राजेश सिंह ने मामला सिविल पुलिस का बताते हुए मुगराबादशाह इंचार्ज को सूचित किया।
मुंगरा पुलिस मामला मीरगंज का बता कर पल्ला झाड़ लिया। वहीं मीरगंज पुलिस मामला मुंगरा पुलिस का बता रही हैं। जबकी गरियाव फाटक मुगराबादशाह पुलिस के क्षेत्र में आता है। इन सभी विवादों के बीच मृतक के परिजन दाह संस्कार करने चले गए। और पुलिस फोन पर ही सीमा विवाद में उलझी रही।