कवरेज इंडिया न्यूज़ डेस्क प्रयागराज
इलाहाबाद विश्वविद्यालय को दिए जाने वाले फंड में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 40 फ़ीसदी की कटौती कर दी है। परिणाम ये हुआ इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता श्रीवास्तव ने इसकी भरपाई करने के लिए चार गुना फीस वृद्धि कर दी है।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने यह कटौती एक साल पहले की थी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ संगीता श्रीवास्तव के ऊपर तानाशाही करने का आरोप छात्र लगा रहे हैं ।उनकी नियुक्ति के दौरान यह कहा गया था कि इनको पति के न्यायाधीश होने का लाभ मिल रहा है वर्तमान में उनके पति जस्टिस विक्रम नाथ सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश है। आरोपों का क्या वह तो लगाए जाते रहते हैं। परंतु वर्तमान में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों ने जो आरोप लगाया है वह गंभीर है। एक छात्र नेता के अनुसार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के अंतर्गत आने वाली विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्वविद्यालय के खर्च में 40 फ़ीसदी की कटौती की और कुलपति ने फीस में वृद्धि कर दी। और आंदोलन कर रहे छात्रों में 155 से अधिक के ऊपर मुकदमा दर्ज कर दिया गया। दो दिन पहले आंदोलन कर रहे छात्रों के घर पर पुलिस भेजी गई और उनके परिवार वालों को प्रताड़ित किया गया।
बात यहीं तक नहीं रुकी एक दूसरे छात्र नेता ने बताया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से कह कर आंदोलनकारी छात्रों के मकान को गिराने की तैयारी कर ली है। कुछ छात्रों के घर पर नोटिस भेज दी गई है। क्या कोई विश्वास कर सकता है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के विश्वविद्यालय में इस तरह की तानाशाही कोई कुलपति कर सकती है। क्या उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का दुरुपयोग योगी सरकार को कटघरे में नहीं खड़ा कर रहा है। नीतियां केंद्र सरकार की है। विश्वविद्यालय की कुलपति केंद्र सरकार की है, कार्यवाही योगी सरकार के अधिकारियों और पुलिस से करवाई जा रही है। कल को छात्रों का आंदोलन यदि उग्र रूप लेता है तो उत्तर प्रदेश सरकार पर कानून व्यवस्था का प्रश्न चिन्ह उठेगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक नेता ने कहा कि इससे यूपी सरकार के खिलाफ लोगों के मन में घृणा पैदा होगी। यह छात्रों का आंदोलन है, और इसकी जनक केंद्र की मोदी सरकार है क्योंकि यदि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विश्वविद्यालय को मिलने वाले खर्च में कटौती ना करता तो शायद फीस वृद्धि ना होती। इलाहाबाद विश्वविद्यालय एक ऐसा केंद्र है जहां पर बिहार , झारखंड , मध्य प्रदेश ही नहीं देश और विदेश से भी छात्र पढ़ने के लिए आते हैं। आज एक छात्र ने आत्मदाह का प्रयास किया इसका जिम्मेदार कौन होगा? यहां पर जिस परंपरा की शुरुआत चंद्रशेखर और विश्वनाथ प्रताप सिंह जैसे शीर्ष पर रहे हुए नेताओं ने की थी उसी का अनुसरण यहां की छात्र कर रहे हैं। और उसी के तहत अपने हक, हुकूक व हित और की लड़ाई लड़ रहे हैं। परंतु जिस तरह से पुलिस और प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का इस्तेमाल किया जा रहा है । यह अत्यंत निंदनीय है और यह योगी सरकार को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है।