कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो प्रयागराज
प्रयागराज. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को बुधवार (25 जनवरी) को एससी-एसटी अधिनियम के तहत एक साल की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि जुर्माने की राशि नहीं दी जाती है. तो 20 दिन का अलग से कारावास भुगतना पड़ेगा.
दरअसल, साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मुठ्ठीगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. यह फैसला जिला न्यायालय की स्पेशल कोर्ट ने सुनाया है. मंत्री को दो धाराओं में दोषी करार दिया गया है.
इससे पहले नंद गोपाल गुप्ता नंदी के विरुद्ध दलित पर जानलेवा हमला करने की कोशिश के विचाराधीन मुकदमे में गुरुवार को दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई. आरोपित मंत्री नंदी ने अपने बचाव के लिए तीन गवाहों की सूची कोर्ट के समक्ष पेश किया था. एमपी एमएलए की विशेष न्यायाधीश डॉ दिनेश चंद्र शुक्ल ने के समक्ष सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील वैश्य ने कोर्ट में हाजिर गवाहों जिरह किया.
नंदी ने अपने बचाव में कृष्ण कुमार मिश्र, ज्ञानेंद्र कुमार व मदन लाल गुप्ता को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया था. गुरुवार को दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद नंदी के अधिवक्ताओं की ओर से कोर्ट में लिखित बहस प्रस्तुत करने की अर्जी दी गई.
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान नंदी कांग्रेस पार्टी के लोकसभा के उम्मीदवार थे. उनके खिलाफ वेंकट रमण शुक्ल ने तीन मई 2014 में मुट्टीगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप था कि नंदी के ललकारने पर सपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई. जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया और जान से मारने की नियत से फायर किया गया.