लखनऊ: प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने सभी निकाय अधिकारियों व कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी है कि जनउपयोगी कार्यों, योजनाओं व कार्यक्रमों की मंजूरी में जानबूझकर अड़ंगा लगाना व लेटलतीफी करना बर्दास्त नहीं किया जायेगा। सभी निकायों में पानी आपूर्ति का शत-प्रतिशत बिल अवश्य भेजा जाए। शहरों की नियमित साफ-सफाई, कूड़ा उठान व कूड़ा कलेक्शन एवं इसके निस्तारण पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि इसी माह में नाले-नालियों की सफाई युद्धस्तर पर लगकर करायी जाए, जिससे कि कहीं पर भी बरसात में जलभराव की समस्या न पैदा हो सके। बेहतर साफ-सफाई एवं नगरीय प्रबंधन से नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार होगा। रोगों से भी मुक्ति मिलेगी। उन्होंने जन समस्याओं को स्थानीय स्तर पर ही गम्भीरता से समाधान करने के निर्देश दिए।
नगर विकास मंत्री ने लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम के पश्चात आज अपराह्न 01ः00 बजे निकाय निदेशालय में ‘सम्भव’ की व्यवस्था के तहत निकायों में आमजन की शिकायतों को लेकर राज्यव्यापी जन सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने साफ-सफाई, कूड़ा निस्तारण, कूड़ा उठान, नाली व सीवर चोक होना, जलभराव, प्रमाण पत्र समय से जारी न करने, पानी का बिल न देने, गंदे पानी की आपूर्ति, पाइप लाइन व रोड का क्षतिग्रस्त होना, स्ट्रीट लाइट न जलना आदि विषयों से जुड़ी 10 जनसमस्याओं की वर्चुअल जनसुनवाई की और मौकेपर ही अधिकारियों को शिकायतों के निस्तारण एवं स्थायी समाधान के निर्देश दिए।
नगर विकास मंत्री एक वर्ष से लगातार प्रत्येक माह ‘सम्भव’ के तहत जनसुनवाई कर रहे हैं और शिकायतकर्ता व संबंधित अधिकारी से सीधी वार्ता कर शिकायतों का समाधान करा रहे हैं। अभी तक उन्होंने 31311 शिकायतों का समाधान करा चुके हैं। विगत महीनों में इस दौरान उन्होंने ऐसी शिकायतों का समाधान कराया जो कई-कई महीनों या वर्षों पुरानी थीं और अधिकारी इन शिकायतों को गम्भीरता से नहीं ले रहे थे।
सुनवाई के दौरान नगर आयुक्त कानपुर को निर्देश दिये कि नौबस्ता के जयप्रकाश की शिकायत है कि बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र छः महीने बाद भी निर्गत नहीं किया गया और पत्नी के निगम कार्यालय जाने पर मेरे पत्नी के साथ दुर्व्यवहार किया गया, का तत्काल संज्ञान लिया जाए और जो भी दोषी अधिकारी व कर्मचारी हो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और कार्रवाई की रिपोर्ट निदेशालय भेंजे। इस दौरान उन्होंने हाथरस से रजत पचौरी की शिकायत है कि तीन साल से नाली सीवर जाम होने से जलभराव की समस्या है, के स्थायी समाधान हेतु अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिए। उन्नाव से संतोष कुमार की शिकायत 25 वर्षों से नाले की सफाई नहीं हुई, जिससे यह ओवरफ्लों होकर पानी घरों में घुस रहा, इसके निस्तारण के लिए उन्होंने ईओ को 4.7 किलोमीटर लम्बे नाला जो कि आवासीय क्षेत्र होकर जा रहा है के शीघ्र सफाई के निर्देश दिए और लोगों को गंदगी से बचाने के लिए इसकों ढकने की कार्ययोजना बनाने को कहा।
ए0के0 शर्मा ने निकाय कर्मियों की मेहनत एवं कार्यों की प्रसंशा करते हुए कहा कि आपकी बदौलत नगर विकास विभाग देश में सबसे बेहतर प्रदर्शन कर रहा और 762 निकायों की 07 करोड़ आबादी को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। हमें अपने शहरों को वैश्विक स्तर का बनाने के लिए अभी और मेहनत करनी है। जिससे कि हमारे प्रदेश की छवि पूरे विश्व में सबसे बेहतर बन सके। उन्होंने कहा कि आज के नगरीय निकायों के परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने आपके कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने प्रातः 05ः00 बजे से होने वाली नियमित साफ-सफाई की भी मुक्त कण्ठ से प्रशंसा की है और कहा है कि सफाई कर्मियों का किसी भी तरह का उत्पीड़न बर्दास्त नहीं किया जायेगा और उन्हें हर प्रकार की सुरक्षा मुहैया करायी जायेगी। मुख्यमंत्री ने नगरीय सुविधाओं को बढ़ाने के लिए ‘अर्बन ट्रांसफार्मेशन’ में आज कुल 8731 करोड़ रुपये की 2029 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इससे शहरों में रहने वाले लोगों की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी होगी। शहरी जीवन स्तर ऊँचा उठेगा और नगरों की भी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का संकल्प प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर इकॉनामी बनाने का संकल्प नगरीय विकास एवं व्यवस्थापन से ही ‘सम्भव’ हो सकेगा, सभी अधिकारियों के लिए प्रेरणा है, कार्यों को बेहतर तरीके से करने और इनका लाभ नागरिकों को शीघ्र पहुंचाने पर हो। उन्होंने शहरों की साफ-सफाई एवं नगरीय व्यवस्था की मॉनीटरिंग के लिए निदेशालय में स्थापित डेडीकेटेड कमाण्ड कंट्रोल सेंटर (डीसीसीसी) के एक वर्ष पूरे होने पर संचालन कर रहे अधिकारियों को हार्दिश शुभकामनाएं एवं बधाई दी और उनके कार्यों की प्रशंसा की।
इस दौरान नगर विकास राज्यमंत्री राकेश राठौर गुरू, निदेशक नेहा शर्मा, अपर निदेशक डॉ0 असलम अंसारी, उपनिदेशक डॉ0 सुनील यादव के साथ अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे तथा सभी निकायों से अधिकारी और शिकायतकर्ता वर्चुअली जुड़े थे।