कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो
दौलत कुछ लोगों के लिए आशिर्वाद,
तो कुछ लोगों के लिए अभिशाप है,
कुछ लोगों ने इसे पाकर किये पुण्य,
तो कुछ ने किये पाप है l
हाथ का मैल होता है पैसा,
इस मैल पर लोगों को घमंड कैसा?
पैसा पाकर भी लोग अकेले रह जाते हैं ,
भीड़ में भी खुद को अकेला ही पाते हैं।
इसे पाकर अपनी खुशी का ढोल सबसे बजाते हैं,
और इसके जाने पर आँसू बहाते हैं l
हाथ का मैल होता है पैसा,
इस मैल पर लोगों को घमंड कैसा?
दौलत के लिए लोग अपने आपनों को जाते हैं भूल,
कुछ के लिए दौलत होती है ज़िंदगी ,
तो कुछ के लिए सिर्फ़ धूल।
दौलत लोगों में बटवारा कराती है,
इसे पाकर संतान अपने माँ - बाप की भी नहीं हो पाती है l
हाथ का मैल होता है पैसा,
इस मैल पर लोगों को घमंड कैसा?
बाप बेटे का सगा नहीं हो पाता है और बेटा बाप का,
दौलत पास हो या दूर जीना मुश्किल करती है आप का,
इसलिए अपनो से बड़ी कोई दौलत नहीं होती,
खुशी से बड़ी कोई चाहत नहीं होती,
और अपनों के साथ रहने वालों कि बुरी हालत नहीं होती l
सर्वाधिक सुरक्षित स्वरचित रचना -
आंशिका उपाध्याय
(कवरेज इंडिया इस कविता के स्वामित्व की पुष्टी नहीं करता)