लखनऊ/ वाराणसी। प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने एक दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान गुरुवार को कमिश्नरी सभागार में समीक्षा बैठक के दौरान शहर की कतिपय समस्याओं के शीघ्र समाधान हेतु अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कार्यवाही प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाए, जिससे जनसामान्य को त्वरित लाभ मिलने लगे।
जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने मुख्य सचिव को वाराणसी शहर में मौजूद प्रमुख समस्याओं से अवगत कराया। जिसमें पर्यटन के संबंध में मुख्य सचिव ने एयरपोर्ट, बस स्टेशन, स्नान घाटों प्रमुख जगहों पर सूचना काउन्टर खोलने की सलाह दी, ताकि आने वाले पर्यटकों, तीर्थ यात्रियों को शहर के प्रमुख तीर्थ स्थलों, लोकल त्योहारों, हथकरघा, ओडीओपी व जीआई प्रोडक्ट आदि के बारे में जानकारी मिल सके। उन्होंने बहुभाषी गाइड भी तैयार कराने तथा काशी नाम से ऐप्प बनाने का भी सुझाव दिया। सभी शौचालयों की जानकारी गूगल पर डालने के लिए क्यूआर कोड बनाने को कहा ताकि एक ही जगह पूरी जानकारी मिल सके। स्मार्ट सिटी के नोडल अधिकारी द्वारा बताया गया कि शहर के सम्बन्ध मे बन रही वेबसाइट का कार्य मई के अंत तक पूरा हो जायेगा। मुख्य सचिव ने उसको भी क्यूआर कोड से जोड़ने का सुझाव दिया। नगर आयुक्त द्वारा वाराणसी शहर में स्वच्छता से संबंधित जानकारी दी गयी, जिसमें कूड़ाघर, शौचालय आदि के संबंध में किये जा रहे कार्यों, नालियों के पक्के निर्माण आदि के संबंध में जानकारी दी गयी। मुख्य सचिव द्वारा कूड़ा निस्तारण के लिये चंडीगढ़ मॉडल अपनाने का सुझाव दिया गया। मुख्य सचिव ने साफ-सफाई पर सख्ती करने व दंड लगाने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि गंगा नदी में जाने वाले नाले व प्लास्टिक को पूरी तरह रोका जाए। कूड़ा रोकने को जाली लगाने तथा जैविक उपचार का भी सुझाव दिया। घाटों पर गंदगी व कूड़े निस्तारण करने को ऐसी व्यवस्था बनायें, जो कि सतत् व आकर्षित करने वाली हो।
मुख्य सचिव द्वारा गंगा प्रहरियों की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया गया। वाराणसी विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल द्वारा व्यवस्था से संबंधित कार्यों की जानकारी दी गयी तथा बताया गया कि शहर में चल रहे कार्यों की मॉनीटरिंग तथा 61 कार्यों हेतु ई-टेन्डर की प्रक्रिया चल रही हैं। कार्मिकों द्वारा फील्ड में संपादित कार्यों का सत्यापन नियमित अंतराल पर किया जाता है। वीडीए में स्थापित हेल्प डेस्क की भी उन्होंने जानकारी मुख्य सचिव को दी। विभाग का विकेंद्रीकरण भी किया गया है, ताकि जनता को पास में ही सहायता मिल सके। पिछले 6 महीने में विकास प्राधिकरण द्वारा 50 हेक्टेयर अवैध प्लाटिंग भी तोड़ी गयी है।
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने नगर आयुक्त को स्वच्छता सर्वेक्षण में बनारस की रैंक सुधारने हेतु और प्रयास करने का निर्देश दिया। ताकि बनारस स्वच्छ सर्वेक्षण, ओडीएफ रैंकिंग, गंगा किनारे बसे शहरों की रैंक में और अच्छा करते हुए अपनी रैंक सुधार सके।
पुलिस विभाग द्वारा शहर में लगने वाले जाम की समस्या से निपटने को 106 अवरोधक चिन्हित किया गया था, जिसमें वर्तमान में 36 अवरोधकों पर जी-20 के संबंध में तेजी से कार्य करते हुए अतिक्रमण को भी हटाया जा रहा है। होमगार्ड युक्त भी 78 चौराहे हो चुके हैं। 877 जगहों पर सीसीटीवी कैमरा आच्छादित स्थान हैं। ट्राफिक व्यवस्था सही करने को चालान की संख्या भी बढ़ायी गयी है। 69 कट स्थानों को भी बंद किया गया है। मुख्य सचिव द्वारा ई-रिक्शा से संबंधित जानकारी पूछे जाने पर पुलिस कमिश्नर द्वारा बताया गया कि लगभग 12000 ई-रिक्शा शहर में गतिमान हैं। शहर में जाम की प्रमुख समस्या ई-रिक्शा से हो रही है। प्रस्तावित स्थायी सुधार के बारे में भी जानकारी मुख्य सचिव के समक्ष रखी गयी। रेलवे व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु भी सुझाव दिया गया। मुख्य सचिव द्वारा पर्यटन सूचना केंद्र को आकर्षक बनाने का भी सुझाव दिया गया। सर सुन्दरलाल अस्पताल से संबंधित शिकायतों के निराकरण के बारे में भी बैठक में जानकारी दी गयी। पंडित दीनदयाल उपाध्यक्ष राजकीय चिकित्सालय, श्री शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय जिला अस्पताल कबीरचौरा की व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु की गई कार्यवाही की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा दी गयी। बिजली व्यवस्था सुधार की चीफ इंजीनियर अनूप वर्मा द्वारा जानकारी दी गयी, जिसमें उन्होंने पुलिस लाइन चौराहे के पास, वरुणा पुल, संकुल रोड, काली माता मंदिर चौकाघाट आदि जगहों पर ट्रांसफॉर्मर पार्किंग व पोल आदि के बारे में जानकारी दी।
अन्त में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वाराणसी शहर को अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुसार बनाने में सभी मिल जुल कर कार्य करें और अपना पूरा सहयोग दें, ताकि जो भी वाराणसी आये वो यहां से अच्छी यादें लेकर जाये। वरिष्ठ अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर कार्यों की मॉनीटरिंग करें।
बैठक में आयुक्त वाराणसी मण्डल, पुलिस कमिश्नर वाराणसी, जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, नगर आयुक्त, विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष तथा संबंधित विभाग के अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।