कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो
झांसी। साबरमती जेल से प्रयागराज ले जाए जा रहे माफिया अतीक ने मध्य प्रदेश के शिवपुरी में कहा कि उसे मिट्टी में मिला दिया गया है। अब तो सिर्फ रगड़ा जा रहा है। झांसी पुलिस लाइन में लाने से पहले शिवपुरी में उसने मीडिया बसे बात की। यहां उसने खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा, उसने जेल से कोई फोन नहीं किया। वहां जैमर लगे हुए हैं। गैंगस्टर अतीक ने कहा कि उसने जेल से कोई साजिश नहीं रची। छह साल से वह जेल में है। इसके पहले अतीक ने कहा कि मेरा परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गया, मैं जेल में था।
झांसी पुलिस लाइन में अतीक अहमद को बुधवार सुबह करीब सवा घंटे के लिए रोका गया। इस दौरान पुलिस लाइन के आसपास भारी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे। अतीक को उमेश पाल हत्याकांड मामले में पूछताछ के लिए प्रयागराज ले जाया जा रहा है। मंगलवार शाम पुलिस उसे लेकर प्रयागराज के लिए रवाना हुई थी। साबरमती जेल से रवाना होने के बाद पुलिस की प्रिजन वैन राजस्थान के भीलवाड़ा के पास खराब हो गई थी। मरम्मत के बाद उसका हुआ। काफिला आगे रवाना हुआ। मध्य प्रदेश के शिवपुरी रोड पर भी काफिला करीब आधे घंटे ठहरा। यहां मीडिया के लोगों से अतीक ने बात की।
यहां से अतीक का काफिला जोहरिया बार्डर से होता हुआ झांसी के रास्ते यूपी पहुंचा। यहां से रक्सा होते हुए नंदनपुरा पहुंचा। इसके बाद सीपरी बाजार ओवर ब्रिज से होता हुआ करीब साढ़े आठ बजे लाइन पहुंचा।
अतीक के काफिले के भीतर पहुंचते ही पुलिस लाइन के दरवाजे बंद कर दिए गए। अंदर करीब सवा घंटे तक अतीक का काफिला अंदर रहा। किसी भी बाहरी आदमी को भीतर जाने की इजाजत नहीं दी गई। करीब पौने दस बजे काफिला यहां से प्रयागराज के लिए रवाना हो गया। यहां करीब डेढ़ घंटे ठहरने के बाद पर उसका काफिला आगे रवाना
झांसी पुलिस ने एस्कार्ट करते हुए उसे बड़ागांव, चिरगांव, मोंठ के रास्ते से होते हुए झांसी की सीमा से बाहर छोड़ा। इसके पहले 26 मार्च को भी अतीक झांसी के रास्ते ही प्रयागराज ले जाया गया था। उस दिन भी शिवपुरी में ही अतीक की प्रिजन वैन एक गाय से टकरा गई थी। उस हादसे में अतीक की गाड़ी पलटने से बाल-बाल बची थी।