कमलेश तिवारी संवाददाता कवरेज इंडिया
Prayagraj Coverage India । मेजा के चांद खम्हरिया के जंगल की शान कहे जाने वाले हिरणों का अस्तित्व इन दिनों खतरे मे है । उनकी खूबसूरती ही, उनकी जान की दुश्मन बन बैठी है ।शिकारी उनकी खूबसूरत चमड़ी की वजह से उनका शिकार कर बाजार मे ऊंचे दामों मे बेचने को बेताब रहते हैं । वही वन विभाग के अधिकारियों की इसकी भनक तक नही है ।
खीरी व लेड़ियारी के पास चांद खम्हरिया मे काले हिरणों की एक खास प्रजाति पायी जाती है ।जो अपने विशेष सौंदर्य के लिए विख्यात है ।इनकी काली खाल विदेशी बाजारों में काफी ऊंची कीमतों पर बिकती है ।इनकी सींगों व दातों की अलग कीमत मिलती है ।ऐसे मे शिकारी इनके शिकार मे खासी दिलचस्पी रखते हैं ।और उनका शिकार कर मोटी रकम कमाते हैं ।हालांकि वन जीव संरक्षण अधिनियम के तहत ऐसा करना कानून जुर्म है ।और ऐसा करते पकड़े जाने पर सजा व जुर्माना का भी प्रावधान है ।लेकिन इसकी परवाह उन्हें नही रहा । इसी वजह से खीरी के चांद खम्हरिया जंगलों मे पाये जाने वाले काले हिरणों की प्रजाति नष्ट होने के कगार पर है ।
ग्रामीणों का कहना है कि 39 हेक्टेयर क्षेत्र मे बना खेल कूद और पानी पीने के लिए चार बाउली बनाई गई है ।चार बड़े पैनल भी लगाया गया था, लेकिन चोरी हो जाने के कारण बाउंड्रीवाल मे पानी पीने के संकट हो जाता है। काले हिरण इधर-उधर भटकते रहते हैं । वहीं घात लगाए सुबह-शाम शिकारी मौका पाकर उन्हें मारकर घायल कर फरार हो जाते हैं ।कारण यह जंगली पशु प्यास से बेहाल होकर अधिकांश दम तोड़ देते हैं ।इलाके मे आते है, तो घात लगाये शिकारी उन्हे अपना निशाना बना लेते हैं ।उनका कहना है कि, इस दुर्लभ प्रजाति के संरक्षण पर ध्यान नही दिया गया तो, क्षेत्र से इनका नामोनिशान मिट जायेगा ।