}(document, "script")); Prayagraj : जसरा में पासरो की गैंग फिर हुई सक्रिय हो रहा अवैध खनिज परिवहन, अवैध खनिज परिवहन वाहनों को पास कराने में कथित पत्रकार भी हैं शमिल

Prayagraj : जसरा में पासरो की गैंग फिर हुई सक्रिय हो रहा अवैध खनिज परिवहन, अवैध खनिज परिवहन वाहनों को पास कराने में कथित पत्रकार भी हैं शमिल


कमलेश तिवारी संवाददाता कवरेज इंडिया 

Prayagraj Coverage India। बीते कई महीनों से निष्क्रिय पासरो की गैंग इन दिनों स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से एक बार फिर जोर शोर से सक्रिय हो जिला प्रशासन को चुनौती दे दी है। इस अवैध कारोबार में कुछ कथित पत्रकार भी शामिल हैं। इन कारोबार के बारे में ऐसा नहीं कि संबंधित विभाग सहित पुलिस के आलाधिकारी अनभिज्ञ हैं। बखूबी जानकारी के बावजूद काली कमाई के मोटी रकम प्रतिमाह मिलने के चलते अनजान बने रहते हैं। शासन द्वारा दबाव पड़ने पर यदाकदा कारवाई कर पल्ला झाड़ लेते हैं।

इन दिनों क्षेत्र के हाइवे पर रात को पासरों की फिर से लग्जरी कारें फरांटे भरने लगी है। जिसमे कुछ प्रेस लिखी कथित पत्रकारों की लग्जरी कारें भी दिखती है। जहा पसार प्रति वाहन पुलिस को तय सुविधा शुल्क देते हैं। तो वही संलिप्त तथाकथित पत्रकार पुलिस को खबर प्रकाशित करने की धौंस देकर निशुल्क पास करा खनिज परिवहन संचालकों से मोटी रकम लेता है। वैसे तो पसार गैंग थाने के काराखास के माध्यम से प्रति वाहन के अनुसार तय सुविधा शुल्क पुलिस को पहुंचा देते हैं। लेकिन पिकेट और बूथों पर तैनात सिपाही और दरोगा हिस्से का एक रूपये न मिलने के चलते कभी कभार गुस्से में आकर चेकिंग के नाम पर रोक कार्रवाई की बात करने लगते हैं । तो ऐसी स्थिति में पासर गैंग लग्जरी कारों से पहुंच कारखास से बात कराते है । बात बनी तो ठीक है। अन्यथा कुछ अलग से दक्षिणा देकर पास करा देते हैं।


भीटा और कांटी में वाहनों को खड़े कर अंधेरा होने का करते हैं प्रतीक्षा :

लालापुर की तरफ से घूरपुर हाईवे से होकर शहर की ओर जानें वाले खनिज वाहन भीटा मार्ग पर और रीवा की तरफ आने वाले वाहन कांटी गांव के हाईवे पर अंधेरा होने का इंतजार करते हैं। पूर्व में उक्त स्थानों पर ज़िला प्रशासन छापेमारी कर भारी संख्या में वाहनों को दबोचा था।


जसरा में प्रवर्तन दल पर किया जा चुका है हमला। कई पासर गए थे जेल :

पांच वर्ष पूर्व कार्रवाई के दौरान प्रवर्तन दल टीम पर पासरो की गैंग ने हमला कर दिया था। जिसमे एआर टीओ जख्मी हो गए थे। और उनकी वाहन क्षतिग्रस्त हो गई थे। आधा दर्जन पासरो के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी। और जेल गए थे।


अवैध कमाई से बनाई गई संपत्ति की नही की जाती पड़ताल :

पासर गैंग के सदस्यों की वैसे तो कोई रोजगार नहीं है। कुछ की है भी तो उसके कमाई से परिवार चलाना भी मुश्किल हो सकता है। बाइक से चलने की भी मोहताज हो सकते है। लेकिन इस अवैध कमाई के चलते लग्जरी कारें और शानदार घर सारे पोल खोल देते हैं। चंद दिनों में क्षेत्र में धनैतो में गिनती होने लगती है। लेकिन इन पासरो की अवैध कमाई से लाखों की बनाई संपत्ति की जांच कभी नहीं की जाती है।

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