कवरेज इंडिया धर्म कर्म डेस्क
अयोध्या। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हो गई है। इसके बाद वहां देश भर से आने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है। राम मंदिर अपनी भव्यता से आपका मन मोह रहा है। लेकिन हम आपको राम मंदिर के अलावा 6 और ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जो पौराणिक महत्व रखती हैं साथ ही उनकी भव्यता भी आपका मन मोह लेगी।
छोटी देवकाली मंदिर-राममंदिर से दूरी एक किलोमीटर
श्रृंगारहाट में स्थित यह मंदिर हिन्दू महाकाव्य महाभारत की अनेकों दंतकथाओं से संबंधित है। किवदंतियों के अनुसार, माता सीता अयोध्या में भगवान राम के साथ अपने विवाहोपरांत देवी गिरिजा की मूर्ति के साथ आईं थी। ऐसा विश्वास किया जाता है कि राजा दशरथ ने एक सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया व इस मूर्ति को मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित किया था। वर्तमान में यह देवी देवकाली को समर्पित है और इसी कारण इसका यह नाम पड़ा।
दशरथमहल- राममंदिर से दूरी 700 मीटर
राजा दशरथ ने इस महल का निर्माण कराया था। यहां राम की मूर्ति स्थापित है। माता सीता, लक्ष्मण व भरत की भी मूर्तियां हैं। यह मंदिर सुबह छह बजे से दिन में 12 बजे तक वह शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक खुला रहता है।
श्री नागेश्वरनाथ मंदिर-राममंदिर से दूरी एक किलोमीटर
भगवान नागेश्वर नाथ जी अयोध्या के प्रमुख अधिष्ठाता माने जाते हैं । भगवान राम के पुत्र कुश ने भगवान नागेशवरनाथ जी को समर्पित इस सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया था। यहाँ स्थापित शिवलिंग को बहुत प्राचीन काल का माना जाता है। मंदिर का वर्तमान भवन 1750 ईस्वी में निर्मित हुआ था।
खुलने का समय सुबह 04:00 बजे से रात 10:00 तक
अयोध्या में जैन मंदिर- राममंदिर से दूरी एक किलोमीटर
यह मात्र भगवान राम का जन्मस्थल ही नहीं बल्कि जैनियों के लिए भी बहुत उच्च महत्त्व का स्थान है , विश्वास किया जाता है कि यहाँ पर 5 जैन तीर्थंकरों ने जन्म लिया है। स्वर्गद्वार के निकट भगवान आदिनाथ का मंदिर, गोलाघाट के निकट भगवान अनंतनाथ का मंदिर, रामकोट में भगवान सुमननाथ का मंदिर , सप्तसागर के निकट भगवान अजीतनाथ का मंदिर व सराय में भगवान अभिनंदन नाथ का मंदिर दर्शनीय है। रायगंज क्षेत्र में एक विशाल जैन मंदिर स्थापित है, इसमें प्रथम तीर्थांकर भगवान आदिनाथ (ऋषभदेवजी) की 21 फुट ऊंची प्रतिमा विशेष रूप से स्थापित है।
हनुमानगढ़ी -राममंदिर से दूरी 500 मीटर
इसका निर्माण एक किले की आकृति में हुआ है तथा 76 सीढ़ियाँ चढ़ कर यहाँ पहुंचा जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि यह वह स्थान है जहां हनुमान जी एक गुफा में रहकर नगर की रक्षा करते थे। इस मंदिर में हनुमान जी की एक स्वर्ण प्रतिमा स्थापित है, यह अयोध्या के सबसे सम्मानित स्थानों में से एक माना जाता है।
खुलने का समय सुबह 04:00 बजे से रात 10:00 तक
कनक भवन- राममंदिर से दूरी 500 मीटर
टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश) की रानी वृषभानु कुंवरि, ने 1891 में उत्कृष्टता से अलंकृत इस मंदिर का निर्माण करवाया था। मुख्य मंदिर में एक आंतरिक खुला भाग है। सीता माता व भगवान राम के साथ उनके तीनों भ्राताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।-खुलने का समय- सुबह 09:00 बजे से दोपहर 11:30 बजे तक और शाम 4:30 से रात 9:30 तक।