अमिताभ बच्चन कामयाबी के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे. लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि अमिताभ बच्चन को ये लाइम लाइट मिली राजेश खन्ना की वजह से. जिनके चंद फैसले ऐसे थे जो अमिताभ बच्चन के लिए पारस पत्थर साबित हुए और उनके टैलेंट को दुनिया के सामने लेकर आए.
राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन ये दो सितारे बॉलीवुड में दो दौर की तरह रहे हैं. एक का दौर खत्म हो रहा था और दूसरे का दौर रफ्तार पकड़ रहा था. एक ने अपने दौर में रोमांटिक इमेज से खूब सुर्खियां बटोरी. तो, दूसरे ने अपने दौर में एंग्री यंग मैन की इमेज को सॉलिड बनाया. अमिताभ बच्चन कामयाबी के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे. लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि अमिताभ बच्चन को ये लाइम लाइट मिली राजेश खन्ना की वजह से. जिनके चंद फैसले ऐसे थे जो अमिताभ बच्चन के लिए पारस पत्थर साबित हुए और उनके टैलेंट को दुनिया के सामने लेकर आए. ऐसा ही एक फैसला था फिल्म नमक हराम को लेकर. जिसकी वजह से राजेश खन्ना जैसे बड़े स्टार के होते हुए भी अमिताभ बच्चन की चमक कुछ ज्यादा ही निखरी नजर आई.
शूटिंग के लिए नहीं था समय
ये उस समय की बात है जब राजेश खन्ना के नाम का डंका बजता था और अमिताभ बच्चन नए नए एक्टर थे. तब ऋषिकेश मुखर्जी ने राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन को लेकर नमक हराम फिल्म बनानी शुरू की. इस फिल्म के दौरान राजेश खन्ना बहुत बिजी थे. उनके साथ डेट्स का मसला हो रहा था. जिसके चलते ऋषिकेश मुखर्जी ने अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी. हुआ ये कि फिल्म बनते बनते अमिताभ बच्चन के सीन ज्यादा नजर आए जबकि राजेश खन्ना की प्रेजेंस सिर्फ स्पेशल अपीयरेंस की तरह ही दिखाई दी. इस वजह से डिस्ट्रिब्यूटर्स ने फिल्म लेने से इंकार कर दिया. लेकिन फिर सब अपना फैसला बदलने पर मजबूर हो गए.
पोस्टर में बढ़ी चमक
जब नमक हराम को डिस्ट्रीब्यूट करने की चर्चा चल ही रही थी उसी बीच अमिताभ बच्चन की जंजीर मूवी रिलीज हुई. इस फिल्म ने रातों रात अमिताभ बच्चन को सबका चहेता स्टार बना दिया. जो डिस्ट्रिब्यूटर्स अब तक अमिताभ बच्चन को देखकर नमक हराम मूवी खरीदने से कतरा रहे थे वो अब ये डिमांड कर रहे थे कि पोस्टर्स पर अमिताभ बच्चन का चेहरा भी बड़ा दिखना चाहिए. फिल्म रिलीज होते होते अमिताभ बच्चन को उतनी ही तवज्जो मिलने लगी जितनी राजेश खन्ना को दी जा रही थी.