}(document, "script")); कैलाश मानसरोवर भारत का था और भविष्य में भारत का ही होगा - By Coverage India

कैलाश मानसरोवर भारत का था और भविष्य में भारत का ही होगा - By Coverage India


कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो प्रयागराज 

भारत तिब्बत सहयोग मंच द्वारा कैलाश मानसरोवर मुक्ति यात्रा बेहद धूम-धाम से राजधानी दिल्ली में राजघाट से कश्मीरी गेट तक निकाली गई। इस यात्रा में साधु-संतों, जैन-मुनियों, बौद्ध भिक्षुओं की गरिमामयी उपस्थिति में काफी संख्या में शिव भक्त, मंच के कार्यकर्ता एवं आम जनता की भागीदारी रही। यात्रा का शुभारंभ कैलाशपती की आरती करके हुआ जिसमे प्रमुख रूप से श्रीमहंत विवेकानंद ब्रह्मचारी जी महाराज, शारच़े खेन्सुर रिन्पोछे जांगछुप छोदेन जी (महासचिव इन्टरनेशनल बुद्धिस्ट कनफ़ेडरेशन दिल्ली), स्वामी शिवांग जी महाराज, स्वामी दिव्यानंद जी महाराज, आचार्य याशी फुनचोक जी, जैन मुनि ज्योतिषचार्य प्रमोद जी, महंत मंगल पांडे जी, श्री विनोद बंसल जी, पूर्व महापौर जत्थेदार सरदार अवतार सिंह जी, श्री पंकज गोयल जी, श्री अनिल मोंगा जी आदि उपस्थित थे 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं मंच के मार्गदर्शक माननीय डॉ. इंद्रेश कुमार जी ने उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कहा कि कैलाश मानसरोवर मुक्ति यात्रा के द्वारा कैलाश मानसरोवर की मुक्ति हेतु आंदोलन की शुरुआत हो चुकी है। मानसरोवर की मुक्ति के लिए जब आंदोलन की शुरुआत हो चुकी है तो अंजाम तक भी पहुंचेगी। कैलाश मानसरोवर भारत का था और भविष्य में भारत का ही होगा। डॉ. इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि यदि हम सोये रहे तो बदकिस्मती दरवाजे तक आ ही जाएगी, इसलिये हम सभी लोगों को सतत जागते रहना होगा। "हिंदी-चीनी" भाई-भाई के बदले यदि "हिंदी -तिब्बती" भाई-भाई का नारा लगाया गया होता तो स्थिति कुछ और ही होती किंतु हमें पूरा विश्वास है कि मानसरोवर की मुक्ति हम सभी को जरूर देखने को मिलेगी। भारत-तिब्बत सहयोग मंच के कार्यकर्ता जन जागरण अभियान में जितना अधिक लगेंगे, कैलाश मानसरोवर की मुक्ति का मार्ग उतना ही खुलता जाएगा। मंच के प्रयासों एवं जन जागरण अभियान से नापाक चीन के मंसूबे निश्चित ही ध्वस्त होंगे। इस अवसर पर माननीय इंद्रेश जी ने कई नारे लगवाए, जिसमें एक बहुत ही महत्वपूर्ण नारा था, "हिंदी-तिब्बती" भाई-भाई।    

मंच के राष्ट्रीय महामंत्री श्री पंकज गोयल जी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि हम सभी ने ठान लिया है कि कैलाश मानसरोवर को मुक्त कराना है। तिब्बत की आजादी का मुद्दा वैश्विक स्तर पर लगभग समाप्त हो चुका था किंतु माननीय इंद्रेश जी के मार्गदर्शन में पिछले 25 वर्षों से सतत कार्यरत मंच ने तिब्बत के मामले को पूरे प्रभावशाली तरीके से भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के समक्ष उभारा है। तिब्बत की आजादी को लेकर अब पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। तिब्बत की आजादी के साथ-साथ कैलाश मानसरोवर की मुक्ति भी हमारा प्रमुख मुद्दा है। श्री गोयल ने कहा कि कैलाश मानसरोवर मुक्ति यात्रा का संदेश वैश्विक स्तर पर जाएगा। मुझे इस बात की बेहद प्रसन्नता है कि मंच के कार्यकर्ता जिस जोश-जुनून के साथ लगे हैं, उसके सुखद परिणाम हमें अति शीघ्र देखने को मिलेंगे।

 इस अवसर पर उपस्थित जैन मुनि आचार्य प्रमोद जी ने कहा कि कैलाश मानसरोवर सनातनियों के साथ-साथ जैन एवं सिख धर्म के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव जी का निर्वाण कैलाश मानसरोवर में ही हुआ था । इस दृष्टि से जैन धर्म के लिए कैलाश मानसरोवर बेहद ही पूजनीय स्थान है। कैलाश मानसरोवर की मुक्ति होनी ही चाहिए।।                               

श्री शिवांश महाराज जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि यदि एक कदम मंजिल की तरफ बढ़ाया जाए तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है। कैलाश मानसरोवर की मुक्ति को लेकर हमारे बीच अब जागृति आ चुकी है। सफलता तो मिलनी ही है। वैसे तो यह काम पहले ही हो जाना चाहिए था किंतु जब जागे, तभी सवेरा। 

इंटरनेशनल बौद्धिष्ट कनफेडरेशन के महामंत्री खैनसुर रिमपोछे जी ने कहा कि मेरी नानी का जन्म कैलाश मानसरोवर की बगल में हुआ था किंतु आज तक वहां जाकर भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने का मौका नहीं मिला। चूंकि, कैलाश मानसरोवर अब चीन के कब्जे में है। मेरा मंच के कार्यकर्ताओं से आग्रह है कि अपने मिशन में लगे रहें , सफलता जरूर मिलेगी।

भगवान ऋषभदेव जी की जन्मस्थली अयोध्या से चलकर आये रथ के दिल्ली संयोजक श्री विजेंद्र जैन जी ने कहा कैलाश मानसरोवर की मुक्ति का आगाज हो चुका है, बहुत जल्दी चीन से कैलाश की मुक्ति भी होगी l


कैलाश मानसरोवर मुक्ति यात्रा के पहले श्री चंद्र उदासीन हरिहर आश्रम में प्रसाद (भोजन) की व्यवस्था रही। यात्रा के दौरान भगवान भोलेनाथ से संबंधित कई झांकियां भी रहीं। पूरी यात्रा के दौरान कैलाश मानसरोवर मुक्ति के नारे लगते रहे। लोगों में अपार जोश जुनून देखने को मिला। यात्रा की समाप्ति के बाद कश्मीरी गेट स्थित अग्रसेन पार्क में आयोजित कार्यक्रम का संचालन मंच के दिल्ली प्रांत के महामंत्री श्री ललित जादौन ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का आभार एवं धन्यवाद मंच के राष्ट्रीय मंत्री श्री अनिल मोगा जी ने किया।

लाल मंदिर, चांदनी चौक के बाहर तीन जैन साधवीयों ने अपना आशीर्वाद दिया l


 इस यात्रा को विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री विनोद बंसल जी का विशेष रूप से सानिध्य मिला। कुल मिलाकर यह यात्रा कैलाश मानसरोवर की मुक्ति की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगी।


 मंच के राष्ट्रीय महामंत्री श्री पंकज गोयल जी के कुशल प्रबंधन एवं नेतृत्व में संपन्न हुई कैलाश मानसरोवर मुक्ति यात्रा में मनोनीत पार्षद श्री मनोज जैन जी, भाजपा नेता श्री सुमन गुप्ता जी, श्री भूषण कुमार जैन जी, मंच के क्षेत्र संयोजक श्री मनोज श्रीवास्तव जी,चौधरी मांगेराम जी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री दीपक शर्मा जी, श्री के. डी. सुभाष जी, श्री मनोज तेवतिया जी, प्रांत महामंत्री श्री संजय शर्मा जी, श्रीमती आभा जैन जी, श्री मनीष गर्ग जी, श्री हीरा सिंह भंडारीजी, श्री अमित गोयल जी, श्री राजन कपूर जी, सुश्री रीता सिंह पासवान जी, श्रीमती मोहनजीत कौर जी, श्री नितिन गोयल जी श्री सचिन जैन जी, श्रीमती बबिता सैनी जी, श्रीमती कुसुम गोला जी, श्री शिवशंकर शर्मा जी, श्री मृदुल गर्ग जी, श्री विकास गोयल जी, श्री कपिल श्रीवास्तव जी, डा. पूनम गुप्ता जी, एडवोकेट मोनिका मार्कन जी, डा. विमला सिंह जी सहित काफी संख्या में मंच के कार्यकर्ताओं एवं आम लोगों की गौरवमयी उपस्थिति रही।

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