}(document, "script")); सरकार को आईना दिखाने उसकी कमियों को सामने लाने वाले पत्रकारों के लिए राहत भरी ख़बर - पढ़िए विस्तार से

सरकार को आईना दिखाने उसकी कमियों को सामने लाने वाले पत्रकारों के लिए राहत भरी ख़बर - पढ़िए विस्तार से

 


कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो 

सरकार को आईना दिखाने उसकी कमियों को सामने लाने वाले पत्रकारों के लिए राहत भरी ख़बर है। सरकार की आलोचना करने भर से मुकदमें में लपेट दिए गये पत्रकार  अभिषेक उपाध्याय की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है।कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी पत्रकार के खिलाफ केवल सरकार की आलोचना करने पर मुकदमा नहीं होना चाहिए। 

कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी करते हुए इस मामले में जवाब मांगा है। न्यायालय ने कहा कि पत्रकारों को अपने विचारों की स्वतंत्रता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत प्राप्त है, जो कि लोकतंत्र की नींव है। 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया कि पत्रकारिता का कार्य एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाज के लिए आवश्यक है। अदालत का यह निर्णय न केवल अभिषेक उपाध्याय के लिए, बल्कि सभी पत्रकारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अपने कार्यों के चलते सरकारी दबाव का सामना कर रहे हैं।

यह आदेश ऐसे समय में आया है जब कई पत्रकारों के खिलाफ उनके लेखन या रिपोर्टिंग के कारण आपराधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि अदालत पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और स्वतंत्र अभिव्यक्ति की गरिमा को बनाए रखने का प्रयास कर रही है। 

अब यह देखना होगा कि यूपी पुलिस इस मामले में क्या जवाब देती है और सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों के खिलाफ आगे की कार्रवाई कैसे की जाएगी।

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