कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो प्रयागराज
प्रयागराज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवम प्रदेश की कई कांग्रेसी सरकारों मे मंत्री रहे पंडित श्याम सूरत उपाध्याय का प्रदेश की राजनीति में गहरा प्रभाव रहा है। 50 के राजनीतिक कैरियर में श्याम सूरत उपाध्याय जी ने 1965 जिला परिषद पद पर निर्वाचित हुये। 1969 के विधानसभा चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनावी समर में उतरे। बेहद रोचक मुकाबले में अपने राजनीतिक गुरु सालिकराम गुप्ता एवम राजितराम पांडेय के कुशल मार्गदर्शन में विधायक बने। श्याम सूरत उपाध्याय पेशे से अच्छे किसान के साथ जिला न्यायालय में अच्छे अधिवक्ता के शुमार रखते थे। मिली जुली सरकार ने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से नाता तोड़कर पंडित श्याम सूरत उपाध्याय कांग्रेस का दामन थाम लिया और प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने उपमंत्री पद प्राप्त किया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव के रूप में संगठन का कार्य भी 1970 श्याम सूरत उपाध्याय ने प्रारम्भ किया। लंबी राजनीतिक पारी में श्याम सूरत उपाध्याय 1980 में कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रदेश सरकार में शपथ लिया और 1985 में दुबारा कैबिनेट मंत्री के रूप के प्रदेश सरकार में शामिल होकर न भूतो न भविष्यति कार्य किया।
मंत्री के रूप में जनता में लोकप्रिय श्याम सूरत उपाध्याय जी ने प्रतापपुर के हजारों युवाओं को रोजगार प्रदान किया। बरना नदी पर पुल,अनुवा में खादी ग्रामोद्योग का मंडल कार्यालय,अनेक पानी की टंकी, कई पावर हाउस,फूलपुर में मंडी,जिला परिषद कालेज को नई उच्चकृत इमारत,जंघई बरना मार्ग,दुर्गागंज से वारी मार्ग,फूलपुर से बलीपुर होकर मोतिहा मार्ग, बलीपुर से सैदाबाद मार्ग,फूलपुर से हनुमानगंज मार्ग,उग्रसेनपुर से प्रतापपुर मार्ग,जंघई से हंडिया मार्ग,बरियाराम से सरायममरेज मार्ग,मियापुर से आरा कला मार्ग का निर्माण एवं लेपन कार्य करवाया। जंघई रेलवे स्टेशन को शासन से बेहतर करने का प्रावधान करवाया। सहजता,सरलता से परिपूर्ण श्याम सूरत उपाध्याय ने आखिरी चुनाव 2002 में प्रतापपुर से कांग्रेस से विजय प्राप्त की तो प्रदेश में समाजवादी सरकार ने उनको विधानसभा की आश्वासन एवम प्रश्न संदर्भ समिति का
(कैबिनेट मंत्री का दर्जा) प्रमुख नियुक्त किया। सभी दलों मे मंत्री जी के मानने वालो का बड़ा वर्ग है। मंत्री से अपने राजकीय काल में प्रतापपुर से कई ब्लाक प्रमुख कांग्रेस के निर्वाचित करवाये। प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र ही नहीं आस पास के जिलों के लोग भी पंडित श्याम सूरत उपाध्याय जी को मंत्री जी के नाम से संबोधित करते है। अमिताभ बच्चन जब इलाहाबाद से लोकसभा का चुनाव लडने आये तो चुनाव प्रबंधन की सारी जिम्मेदारी मंत्री जी के पास थी। गांधी नेहरू परिवार के बेहद करीबी पंडित श्याम सूरत उपाध्याय ने सभी समाज को साध जनप्रिय नेता के रूप में खुद को स्थापित किया है।