कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो प्रयागराज
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के दूसरे शाही स्नान मौनी अमावस्या के अवसर पर शुक्रवार को डीआरएम ऑफिस प्रयागराज में रेलवे द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान एक बड़ी घटना सामने आई। प्रेस वार्ता को कवर करने पहुंचे पत्रकारों के साथ आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) के जवानों ने दुर्व्यवहार किया, जिसके चलते पत्रकारों में गहरा रोष व्याप्त है।
प्रेस वार्ता समाप्त होने के बाद एक पत्रकार ने देखा कि उनकी मोटरसाइकिल की हवा एक आरपीएफ जवान द्वारा निकाली जा रही थी। इस पर जब उन्होंने आपत्ति जताई, तो आरपीएफ के अन्य जवानों ने चार पत्रकारों के साथ मारपीट की और उन्हें हिरासत में ले लिया।
"गोली मार देंगे और जलियांवाला बाग बना देंगे"
मारपीट के दौरान एक आरपीएफ सिपाही ने धमकी देते हुए कहा, "तुम लोगों को गोली मार दूंगा और यहीं जलियांवाला बाग बना दूंगा।" पत्रकारों ने जब इसका विरोध किया तो हाथापाई पर उतर आए। बड़ी संख्या में एकत्र होकर कई पत्रकारों को जबरन बैठा लिया। इसकी सूचना जब अन्य पत्रकारों को हुई तो मंडल रेल प्रबंधक के यहां विरोध करने पहुंच गए। मामले की पंचायत मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में हुई। अंत में सीसीटीवी फुटेज से सच्चाई पता लगाने की बात कही जाने लगी। जिससे स्पष्ट हो सके कि गलती किसकी है। मजे की बात है कि आक्रामक और गलती पाए जाने के डर से रेलवे पुलिस ने सीसीटीवी गायब कर दिया। रेलवे पुलिस अपने को फंसता देख पत्रकारों को छोड़ दिया।
डीआरएम ऑफिस में लगे सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की गयी है। जिससे आरपीएफ की गलती स्पष्ट हो दोषी जवानों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
डीआरएम ने किया हस्तक्षेप
काफी देर पंचायत चलने के बाद जब आरपीएफ के एक अधिकारी की गुण्डागर्दी सामने आयी तो पत्रकारों को छोड़ा गया। हालांकि, इस घटना से पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
पत्रकारों में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
इस घटना ने पत्रकार समुदाय को आहत किया है, और उन्होंने दोषी जवानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पत्रकारों का कहना है कि यदि इस तरह की घटनाओं को रोका नहीं गया, तो वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के प्रति एक बड़ा खतरा बन सकती हैं।
इस सम्बन्ध इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्लब की बैठक कल कार्यालय में बुलाई गई है जिसमें इस संबंध में आगे का निर्णय किया जाएगा।