}(document, "script")); महाकुंभ में अपनों ने छोड़ा साथ, एनजीओ ने पहुंचाया भूले-भटके शिविर - By Coverage India

महाकुंभ में अपनों ने छोड़ा साथ, एनजीओ ने पहुंचाया भूले-भटके शिविर - By Coverage India

महाकुंभ में लापता रामदेव मंडल के साथ मदद फाउंडेशन की टीम

कवरेज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो प्रयागराज 

Mahakumbh : प्रयागराज। मौनी अमावस्या के स्नान से पहले महाकुंभ में मची भगदड़ ने कई श्रद्धालुओं को अपनों से जुदा कर दिया। अब भी कई लोग अपने परिजनों की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में भागलपुर, बिहार निवासी रामदेव मंडल को उनके बेटे ने महाकुंभ में स्नान कराने के बहाने अकेला छोड़ दिया।  

रील बनाने के बहाने छोड़ा पिता को

रामदेव मंडल अपने परिवार के साथ महाकुंभ स्नान करने आए थे, लेकिन उनके बेटे ने रील बनाने का बहाना कर उन्हें अकेला छोड़ दिया और भीड़ में गुम हो गया। रामदेव मंडल को उम्मीद भी नहीं थी कि 144 वर्षों बाद आयोजित महाकुंभ में नहाने आएंगे और यहीं छूट जाएंगे।

पांच दिन तक भटकते रहे रामदेव मंडल

पढ़े-लिखे न होने के कारण रामदेव मंडल पिछले 5 दिनों से प्रयागराज की गलियों में दर-दर भटक रहे थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि घर कैसे पहुंचे। इस दौरान उनकी मुलाकात मदद फाउंडेशन के सदस्य चंचल पांडेय से हुई, जिन्हें उन्होंने अपनी पूरी आपबीती सुनाई।  

एनजीओ ने बढ़ाया मदद का हाथ

चंचल पांडेय ने तुरंत अपनी टीम के वरिष्ठ सदस्य मंगला प्रसाद तिवारी (Mangla Prasad Tiwari) से संपर्क किया और रामदेव मंडल को मदद फाउंडेशन के कार्यालय ले गए। वहां उन्हें भोजन-पानी दिया गया और उनके घर की जानकारी ली गई। चूंकि रामदेव मंडल के पास न मोबाइल नंबर था, न कोई लिखित जानकारी, इसलिए मदद फाउंडेशन (Madad Foundation) की टीम ने उन्हें महाकुंभ के हनुमान मंदिर के पास स्थित ‘खोया-पाया सेंटर’ में रजिस्टर कराया।  

खोया-पाया सेंटर से मिला आश्वासन

महाकुंभ खोया-पाया सेंटर की टीम ने आश्वासन दिया कि जल्द ही रामदेव मंडल को उनके परिवार तक सुरक्षित पहुंचा दिया जाएगा। इस तरह मदद फाउंडेशन (Madad Foundation) की पहल से रामदेव मंडल को उम्मीद की नई किरण मिली और उनके घर लौटने की राह आसान हो गई।

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