कवरेज इंडिया न्यूज़ डेस्क प्रयागराज
गंगापार की हंडिया विधान सभा सीट में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी तथा उनके परिवार का दबदबा रहा है। वर्ष 1985 से लेकर अब तक उन्हें चार बार जीत मिली, जबकि पांच में वे उपविजेता रहे। वहीं 1991 के चुनाव में तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। सपा व बसपा के वर्चस्व वाली इस सीट पर भाजपा व कांग्रेस मात्र एक बार ही सेंध लगा सकीं। दोनों ही प्रमुख दलों को दोबारा इस सीट पर जीत का इंतजार है। हंडिया विधानसभा के लिए 1974 से लेकर 2017 के बीच 13 चुनाव हुए हैं।
इनमें से 1974 एवं 1977 के चुनाव में अठई राम विधायक चुने गए। वहीं 1980 में कांग्रेस के रनेंद्र त्रिपाठी विजयी हुए। इसके बाद 1985 के चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर राकेशधर ने कांग्रेस के राजेंद्र त्रिपाठी को हराया। इसके बाद से राकेशधर त्रिपाठी या उनका परिवार इस सीट से लगातार चुनाव लड़ता रहा है। खास बात यह है कि राकेशधर ने सपा को छोडक़र हर प्रमुख पार्टी से चुनाव लड़ा। 1989 के चुनाव में वजह जनता दल के टिकट पर विधायक चुने गए तो 1993 में वह निर्दलीय उम्मीदवार रहे। हालांकि दूसरे स्थान पर रहे। 1985 से 2012 के बीच राकेशधर आठ बार चुनाव लड़े और चार बार विधायक चुने गए। 2002 के चुनाव से 2012 के बीच का चुनाव राकेशधर बनाम महेश नारायण सिंह रहा।
2022 में राकेशधर को मिली थी महेश नारायण से शिकस्त
2002 के चुनाव में सपा के महेश नारायण सिंह ने राकेशधर को मात दी थी तो 2007 में राकेशधर ने महेश नारायण को हराया। इसके बाद 2012 के चुनाव में फिर महेश नारायण सिंह विजयी हुए। वहीं राकेशधर दूसरे स्थान पर रहे लेकिन कुछ समय बाद ही महेश नारायण का निधन हो गया।
इसके बाद 2013 में हुए उपचुनाव में महेश नारायण के बेटे प्रशांत सपा से चुनाव लड़े और विजयी हुए। वहीं राकेशधर त्रिपाठी के भतीजे पंकज बीएसपी से चुनाव लड़े और दूसरे स्थान पर रहे। 2017 के चुनाव में राकेशधर की पत्नी प्रमिला त्रिपाठी ने अपना दल से चुनाव लड़ा, लेकिन बसपा के हाकिम लाल बिंद से हार गईं।इस तरह से राकेशधर के अलावा परिवार के दो सदस्यों ने इस सीट से दावेदारी की लेकिन जीत नहीं मिली। इस चुनाव में भी राकेशधर त्रिपाठी तथा महेश नारायण सिंह के बेटे प्रशांत सिंह टिकट के दावेदारों में शामिल हैं।
1980 के बाद से है कांग्रेस को जीत का इंतजार
पिछले सात चुनावों में हंडिया विधानसभा सीट पर सपा और बसपा ही जीत दर्ज करती रही हैं। इस दौरान तीन बार सपा तथा तीन ही बार बसपा उम्मीदवार विजयी रहे। 1996 के चुनाव में भाजपा खाता खोलने में सफल रही लेकिन इसके बाद से पार्टी को जीत नसीब नहीं हो सकी। वहीं कांग्रेस के राजेंद्र त्रिपाठी 1980 में विधायक चुने गए थे। इसके बाद से पार्टी को जीत का इंतजार है।
चुनाव वर्ष विधायक पार्टी
2017 हाकिम लाल बिंद- बसपा
2013 प्रशांत सिंह- सपा
2012 महेश नारायण सिंह- सपा
2007 राकेशधर त्रिपाठी- बसपा
2002 महेश नारायण सिंह- सपा
1996 राकेशधर त्रिपाठी- भाजपा
1993 जोखूलाल यादव- बसपा
1991 बृजभान यादव- जनता दल
1989 राकेशधर त्रिपाठी -जनता दल
1985 राकेशधर त्रिपाठी- जनता पार्टी
1980 राजेंद्र त्रिपाठी- कांग्रेस
1977 अठई राम- जनता पार्टी
1974 अठई राम- बीकेडी